अय्यर ने बचपन से ही वैज्ञानिक बनने का सपना देखा था और उन्होंने इस सपने को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत की। गुरूजी की इस बात को सुनकर शिष्य अत्यत दुखी हुआ. उसे गुरूजी द्वारा ऐसे शब्द कहें जाने की उम्मीद नहीं थी। और वह शिष्य अपने आप को https://lokhitkhabar.com/